
“मुक्तिधाम पर हरियाली ही हरियाली”
*रिपोर्टर : दिलीप कुमरावत*
मनावर। शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित मुक्तिधाम अब धीरे-धीरे विकसित होता जा रहा है 8 वर्ष पहले मुक्ती धाम सेवा समिति द्वारा जब मुक्ति धाम पर पौधारोपण का कार्य शुरू किया था। तब ऐसा प्रतीत होता था कि इतना बड़ा मुक्तिधाम आखिर कैसे संवरेगा। 8 वर्ष की लगातार मेहनत और नगर पालिका के सहयोग से मुक्तिधाम में हरियाली ही हरियाली नजर आती है। छोटे छोटे पौधे अब पेड़ों का रूप ले चुके हैं। मुक्तिधाम में घुसते ही किसी गार्डन में आने का आभास होता है तथा अंदर त्रिवेणी, पीपल, निम, बिल्व पत्र, समी आदि कई प्रकार के पौधे बढ़ते जा रहे हैं। गुलाब के पौधे तो इतने फूल देते हैं कि लोग यहां से फूल लेकर जाते हैं और भगवान को अर्पित करते है।
समिति द्वारा अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से लकड़ी गोदाम की मांग की जा रही थी। कंपनी के यूनिट हेड विजय छाबड़ा एवं सी एस आर विभाग के विपीन सक्सेना द्वारा समिति की मांग पर 24 लाख रुपए का विशाल लकड़ी संग्रहण गोदाम कंपनी के सीएसआर फंड से बनवाया गया। समिति द्वारा उस गोदाम में जनता की सुविधा के लिए लकड़ी, गौशाला से बने शुद्ध कंडे, खेतों से तुवर की काठी एकत्रित की गई है। अब किसी के दिवंगत होने पर मात्र एक फोन पर ही लकड़ी कंडे आदी की सारी व्यवस्था मुक्तिधाम पर ही सहयोग राशि ले कर की जावेगी। साथ ही गरीब, निराश्रित, लावारिसों के लिए निशुल्क व्यवस्था रहेगी। वही मई जून माह मे मान नदी का पानी दूषित हो जाता है वह उपयोग के लिए नहीं रहता है इसके लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष संगीता शिवराम पाटीदार द्वारा कुआं खुदवा दिया गया था। जिसमें पर्याप्त मात्रा में पानी है कुआ कच्चा था, इसलिए धनंजय बिल्डर के कैलाश जायसवाल द्वारा अपने माता-पिता की स्मृति में डेढ़ लाख रुपए की लागत से पक्का कुआं बनवा दिया गया है। शीघ्र ही वहां पर नहाने के लिए बड़ा स्नान घाट बनाया जाएगा।
नगर पालिका अध्यक्ष अजय पाटीदार ने बताया कि मुक्तिधाम के सौंदर्यीकरण एवं उसके विकास के लिए हर संभव मदद की जावेगी। शहर के लोग जो मुक्तिधाम में आएंगे तो उन्हें सुखद अनुभूति होगी।
मुक्तिधाम सेवा समिति के कैलाश राठौड़ (पार्षद) एवं जेडी जौहरी ने बताया कि मुक्तिधाम का विकास जन सहयोग, नगर पालिका एवं अल्ट्राटेक कंपनी के सहयोग से हुआ है। वर्षा काल में 111 नीम के पौधे लगाने का लक्ष्य है इसके लिए कोई चैरिटेबल ट्रस्ट या अन्य सहयोग करना चाहते हैं तो वह आपेक्षित है नीम के पौधे लगाने का उद्देश्य है कि आने वाले समय में इन्हीं पौधों से लकड़ी मिल जाएगी जिससे मुक्तिधाम में अंत्येष्टि इसी लकड़ी से हो सकेगी।